क्या है शरिया क़ानून ?, जानिए और पढ़िए ये ब्लॉग ,



क्या है शरिया क़ानून?

दोस्तो कुछ शरिया के क़ानून आपको बता रहा हूँ , जो मुसलमान यू एस , भारत और अलग अलग जगह लाने की बात कर रहे हैं -:
1. जिहाद , गैर मुस्लिम के खिलाफ एक धर्म युद्ध है , और गैर मुस्लिमो के खिलाफ इस्लाम को स्थापित करना है , ये हर मुसलमान और हर खलीफा की जवाब दारी है , अगर कोई खलीफा इसका इनकार करता है तो वो शासन करने के लायक नही
2. खलीफा ताक़त से सत्ता हथिया सकता है और ताक़त से ही शासन चला सकता है
3 खलीफा सब अपराधों की सज़ा से मुक्त होगा , मसलन , डाका , चोरी नाशखोरी , बलात्कार, लूट , हत्या , आदि आदि
4. ज़कात का एक हिस्सा , ज़िहाद पे खर्च होगा
5. खलीफा की हर बात सर्वमान्य होगी चाहे वो अन्ययपूर्ण ही क्यों ना हो
6 गैर मुस्लिम खलीफा नही बन सकता , खलीफा कोई गुलाम नही बन सकता , और वो पुरुष ही होगा
7. अगर खलीफा किसी वजह से इस्लाम छोड़ दे , तो , मुस्लिम जनता को ये अधिकार है की वो उसको खलीफा के पद से निरस्त
 कर दे
8. एक मुसलमान अगर इस्लाम छोड़ दे तो , उसे तुरंत कत्ल कर देना चाहिए
9. एक मुसलाम , हत्या और लूट के लिए माफ़ किया जा सकता है , अगर वो इज़्ज़त के लिए हो तो
10, एक मुसलमान अगर गैर मुस्लिम की हत्या करता है तो , उसको मौत की सज़ा नही दी जाएगी , अगर मुस्लिम की हत्या करे तो , सोचा जा सकता है
11. शरिया , गुलाम प्रथा का सम्मान करती है , और इसमे यौनाचार कोई बुराई नही है , और अगर कोई मालिक अपने गुलाम को मार दे तो उसे कोई सज़ा नही होगी
12. शरिया इजाज़त देता है , पत्थर मार कर हत्या करना , सर काट देना , शरीर का कोई अंग काट देना , आदि आदि
13. शरिया के मुताबिक , गैर मुस्लिम , मुस्लिम के बराबर नही होंगे , अगर उन्हे सुरक्षित रहना है तो इस्लाम के क़ानून पालन करने होंगे , वो मुस्लिम औरत से शादी नही कर सकते , शराब और सुअर का माँस प्रयोग नही कर सकते , वो खुले मे कोई धार्मिक रीति रिवाज नही निभा सकते , कोई धार्मिक स्थल का निर्माण नही कर सकते , वो किसी मस्जिद मे बिना आज्ञा नही जा पाएँगे , और वो किसी को अगर इस्लाम के खिलाफ प्रवचन देंगे तो वो अपने आप को सुरक्षित ना समझें
14. गैर मुस्लिम अगर हथियार बेचता है तो वो हथियार मुसलमानो के खिलाफ प्रयोग नही होगा , ये जघन्य अपराध होगा , एक गैर मुस्लिम , मुस्लिम को बद्दुआ नही दे सकता , पर मुस्लिम , गैर मुस्लिम को बद्दुआ दे सकता है , अल्लाह , रसूल , या इस्लाम की कमज़ोरियों के बारे मे बात करना भी जघन्य अपराध होगा ,
15. एक गैर मुस्लिम , मुस्लिम से उतराधिकार मे कुछ भी नही ले सकता ,
16. बॅंक शरिया क़ानून के मुताबिक काम करेंगे और सूद , हराम होगा
17. छोटे तबके के लोग , न्यालय मे कोई गवाही नही दे सकते , जैसे , भंगी , कब्र खोदने वाले , झाड़ू निकालने वाले , शौचालय साफ करने वाले आदि आदि
18. एक गैर मुस्लिम , मुस्लिम पे शासन नही कर सकते , चाहे मुस्लिम अल्प संख्यक ही क्यों ना हों
19. समलैंगिकता यौनाचार , की सज़ा सिर्फ़ मौत होगी 
20. लड़कियों की शादी की कोई आयु सीमा नही होगी , जन्म के बाद वो कभी भी शादी कर सकती है और 8-9 साल की आयु मे हम बिस्तर बनाई जा सकती है
21. अगर कोई औरत गैर चलन चले , या व्यभीचार करे तो , पति उसको पीट सकता है , और घर से निकाल सकता है
22. तलाक़ देना सिर्फ़ पुरष के हाथ होगा , और उसके तलाक़ भर कहने से तलाक़ हो जाएगा , चाहे पुरुष इसका इरादा ना रखे
23. पति और पत्नी के बीच संपति की साझेदारी नही होगी , और पति की मौत के बाद , संपति स्वत: पत्नी का नाम नही जाएगी
24. उतराधिकार की संपति मे , औरत का पुरष के मुक़ाबले आधा हिस्सा होगा
25. एक पुरुष 4  पत्निया रख सकता है , अगर वो और भी अधिक रखता है तो भी कोई बुराई नही , कोई पत्नी इस आधार पे उसको तलाक़ नही दे सकती
26. दहेज सिर्फ़ , औरत के कम अंगो के बदले दिया जाएगा
27. एक गुलाम औरत या युद्ध मे पकड़ी गई औरत के साथ , यौन संबंध बनाना, कोई अपराध नही होगा , और मुक्त की गई गुलाम औरत अगर शादी कर भी ले तो , उस शादी को मान्यता नही दी जाएगी
28. एक औरत की न्यालय मे गवाही को , पुरुष से आधा वजनी माना जाएगा
29. औरत अगर दोबारा शादी कर लेती है तो , वो पहले के पति से अपने सारे अधिकार खो देती है
30. औरत को बलात्कार सिद्ध करने के लिए , चार पुरषों को गवाह के तौर पे खड़ा करना होगा
31. एक बलात्कारी , एक बलात्कार पीडिता , को एक निश्चित रकम दे कर जान छुड़ा सकता है , बलात्कार पीडिता से शादी करना अनिवार्यता नही होगी
32. औरत के शरीर की एक एक इंच जगह ढकी होगी , और उनको स्कूल मे भी चेहरा दिखाने की इजाज़त नही होगी
33. अगर कोई औरत किसी गैर मर्द के साथ रंगे हाथों पकड़ी गई , और पति उसकी हत्या कर देता है तो , कोई गुनाह नही होगा , उसका गुनाह काबिल ए माफी होगा , पर पुरुषों के मामले मे ये लागू नही होगा
34. एक मुस्लिम का झूठ बोलना कोई पाप नही होगा , अगर वो ऐसा , जिहाद के लए कर रहा है , या इस्लाम की रक्षा करने के लिए , इसमे कोई शर्म या अपराध नही होगा
प्यारे भाइयो ये है शरिया का सच , और इसमे एक भी तथ्य झूठ नही है , ज़रा सोचिए अगर शरिया लागू हो गया तो एक सभ्य समाज का क्या हाल होगा
और ये कितना खतरनाक है , ये शरिया एक मुस्लिम मौलवी इमाम फ़ैसल अब्दल रौफ द्वारा तैयार किया गया है ,
सब गैर मुस्लिम जाग जाएँ ,
संकलन द्वारा कड़वा सच
जय हिंद


No comments:

Post a Comment