Is kejriwal really fighting against corruption?




आप का सच और भविष्य की संभावनाएँ ,
प्यारे देशवासीयो , कुछ दिनो पहले आप पार्टी का पदार्पण हुआ , जिसके करता धर्ता , केजरीवाल और उसके चहेते सहयोगी बने , लेकिन , क्या आप जानते है की सच क्या हो सकता है , क्या आपने कभी गौर किया , मैं एक छोटे से लेख के ज़रीय बहुत सारी संभावनाओ पर विचार करूँगा , ये सब मेरे विचार नही , बल्कि मैने जो जानकारी इकट्ठी की उसको आपके साथ बाँट रहा हूँ ,
1.       केजरीवाल अन्ना को अपने पिता समान समझते थे , और उन्होने कहा था की वो अन्ना जो कहेंगे वो ही काम करेंगे, फिर अचानक क्या हुआ की उन्होने अन्ना के खिलाफ जाकर आप पार्टी बनाई , हालाँकि आप कहेंगे की , अन्ना ने ही राजनैतिक विकल्प के लिए कहा था , लेकिन क्या अन्ना ने एक बार कहा और बाद मे उनकी रूचि नही हुई तो उनकी बात नही सुनी जानी चाहिए? फिर ऐसी क्या बेकरारी थी की , आप ने राजनैतिक विकल्प की घोषणा कर दी , जबकि जनलोकपाल के मुद्दे पे अभी कोई फ़ैसला नही हुआ था , लोकपाल ज्यों का त्यों अधर मे झूल रहा था ,अन्ना का सपना सिर्फ़ जनलोकपाल था जो पूरा नही हुआ था , और आंदोलन को बीच मे छोड़कर लाखों  लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरना , क्या जायज़ था ?
2.       . केजरीवाल की पहुँच सिर्फ़ देल्ही तक है , और वो 90 % समय सिर्फ़ देल्ही के लिए देते हैं , अगर एक फर्रुखाबाद और रायगढ़ को छोड़ दे तो उनका तकरीबन समय देल्ही को ही अर्पण हुआ है , तो क्या ज़ुल्म सिर्फ़ देल्ही मे होते हैं ? बाकी देश मे कोई भ्रष्टाचार या ज़ुल्म नही ? अन्ना ने कहा की केजरीवाल की निगाह सत्ता और पैसे पे है , तो क्या वो देल्ही की सत्ता हथियाना चाहते हैं ?
3.       . आप ध्यान से केजरीवाल और उनके सहयोगियों के भाषण सुनिए , आपको एक विशेष शब्द का उल्लेख मिलेगा , की गृह युध होने जा रहा है , क्या गृह युध जैसे हालात हैं देश मे ? आख़िर ये गृह युध कौन करेगा ? क्या कोई बड़ी साज़िश भारत के खिलाफ चल रही है ? क्या बिना हथियारों के गृह युध संभव है ? ये कुछ अनसुलझे सवाल हैं , एक तरफ तो कहते हैं की हम हिंसा नही करेंगे , हम गाँधी वादी है , तो गृह युध , क्या बिना हिंसा के हो जाएगा ?
4.       केजरीवाल , के सब ट्विट ध्यान से पढ़ें , ट्विटेर मे वो सिर्फ़ अनुपम खेर या किसी मीडिया रिपोर्टर का जवाब देते हैं , तो मैं जानना चाहता हूँ की उनके अनुपम खेर जैसी बड़ी हस्ती के साथ क्या रिश्ते हैं? या तो वो किसी के ट्विट के जवाब नही दें , या फिर सबके दें , ऐसा भेद भाव क्यों है ? क्या उनका आम आदमी , अनुपम जी हैं , कुछ मेरे भाई कहते हैं की उनके पास बहुत सारे ट्विट आते हैं  और वो इतने व्यसत रहते हैं की हरेक का जवाब देने मे असमर्थ हैं , फिर अनुपम के ट्विट की क्या वो इंतजार करते हैं की आते ही चंद सेकेंड्स मे जवाब? और उन्होने अनुपम से आशीर्वाद माँगा तो क्या उःने आम आदमी का आशीर्वाद नही चाहिए ?
5.       उनकी कथनी और करनी मे कितना अंतर है , इस बात से साबित होता है की , वो एक धरना करते हैं , और कहते हैं की जब तक कोई हल नही होगा , तब तक मैं नही उठु गा , लेकिन वो अगले ही दिन उब जाते हैं , और मैदान छोड़ देते हैं , ऐसा कम से कम 5 बार हो चुका है , आप लोगों ने ज़रूर देखा होगा , वो कहते हैं की हमे परिस्थितियों के हिसाब से प्रोगाम बदलना पड़ता है , तो क्या वो अपने हिसाब से प्रोग्राम मे फेरबदल कर लेते हैं , ज़ुल्म से पीड़ित आम आदमी की इसमे कोई भूमिका नही होती ?
6.       अभी अभी कुछ दिनो पहले प्र के एक  बुलंद शहर मे ऑनर किल्लिंग हुई , और पंजाब के अमृतसर मे अकाली नेता ने , एक अस आई की, लड़की छेड़ छाड़ मामले मे , गोली मार कर हत्या कर दी , इन दोनो मामलों मे केजरीवाल का कोई  बयान नही आया , ऐसा क्यों , क्या ये आम आदमी के ज़ुल्म की कहानी नही थी , ना ही उनका कोई बयान एफ डी आई पे आया , ये भी एक चौकाने वाला तथ्य है ,तो क्या वो सिर्फ़ चुने हुए विषय पे अपनी मंशा ज़ाहिर करते हैं?
7.       7. प्रशांत भूषण के कश्मीर बयान पे कितना हंगामा मचा था , और आज वो उनके साथ हैं , ऐसी क्या मजबूरी है , क्या एक करोड़ का चंदा , उनके साथ रहने की जगह पक्की करता है , या कोई और वजह है ? क्यों की वो कहते हैं की राजनैतिक दल देश बेच रहे हैं , तो क्या कसमीर को हिन्दुस्तान से अलग करना , उनकी नज़र मे देश बेचना नही ?
8.       हरयाणा मे धड़ा धड़ बलात्कार हो रहे हैं , उन्होने कभी भी हरयाणा जाकर ये मुद्दा नही उठाया , जब की हरयाणा उनका गृह प्रदेश है , और देल्ही मे 4 साल की बच्ची से बलात्कार प्रयास मामले मे इतना बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया , तो क्या हरयाणा और देल्ही के बलात्कारों मे कुछ फ़र्क होता है , या मेहरबानी सिर्फ़ देल्ही पे ?
9.       . मैने बहुत पहले केजरीवाल को एक सुझाव दिया था की , आप भ्रष्टाचार से पीड़ित लोगों के लिए , हर शहर मे एक दफ़्तर क्यों नही खोल देते , जो खर्चा आंदोलणो पे हो रहा है , उसी खर्चे मे उन्हे क़ानूनी मदद और दूसरी ज़रूरी मदद , मुहैया करवाई जा सकती हैं , जिसके उपर केजरीवाल साहब ने आज तक कोई कोई गौर नही किया , ना कोई जवाब आया ,
10.   मयंक गाँधी, प्रशांत भूषण और अंजलि दमणिया की अंतरिम जाँच का क्या हुआ , क्या सरकार के काम करने की तरह उसमे भी सालों लग जाएँगे ? अभी आपने आज तक पे कहा की जल्दी ही जाँच पूरी हो जाएगी , लेकिन अभी तक तो कोई परिणाम आया नही , ठीक है आपके उपर कोई आरोप नही , लेकिन आपके सहयोगी तो इससे अछूते नही , वो अग्नि परीक्षा कब देंगे ?
प्यारे साथियो , पिछले कुछ सालों मे , विश्व राजनीति मे जबरदस्त बदलाव आया है , रूस के टूटने के बाद , अमेरिका एक महाशक्ति के रूप मे उभर कर सामने आया , 9/11 के बाद , मुसलमान अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन थे , ना की अल क़ायदा , क्यों की मुसलमान देश , अल क़ायदा को पनाह देते थे , अमेरिका ने इसके लिए एक जबरदस्त अभियान चलाया और उसने अपनी रणनीति से सब मुस्लिम देशो को नाकों चने चबावा दिए , इसमे पाकिस्तान , अफ़ग़ानिस्तान, लीबिया , इराक़ , ईरान , सीरिया , मिस्र , आदि प्रमुख थे , अमेरिका को एक बड़ी चिंता और थी अगर उसको महाशक्ति बने रहना है तो उसको उन देशो पे भी काबू पाना था , जो या तो परमाणु हासिल कर चुके थे या हासिल करने वाले हैं , जिसमे पाकिस्तान , कोरिया , भारत और ईरान मुख्य हैं ,
अमेरिका के लिए मुस्लिम देशों को तोड़ना बड़ा आसान था क्यों की वहाँ धर्म के नाम पर आसानी से विद्रोही तैयार किए जा सकते हैं और उन विद्रोहियों के हाथ मे हथियार देकर , गृह युध करवा कर , आसनी से सत्ता को गुलाम बनाया जा सकता है , जैसा की लीबिया मे हुआ , सीरिया और मिस्र मे हो रहा है , ईरान होने की कगार पे है
लेकिन भारत मे ये इतना आसान नही , एक तो ये हिंदुओं का देश है , और दूसरा अमेरिका अगर ऐसा कोई कदम उठाता है , तो अंतराष्ट्रीय स्तर पे वो मार खा जाएगा , भारत मे गृह युध पैदा करना कोई आसान काम नही , लेकिन अमेरिका को उस हर देश की सत्ता चाहिए , जिसके पास प्रमाणु है , क्या पता कब कौनसा देश अमेरिका के खिलाफ परमाणु  इस्तेमाल कर दे और महाशक्ति की हवा निकल जाए
तो अमेरिका ने एक रण नीति तैयार की , किसी भी तरह से भारत मे अव्यवस्था फैलाई जाए , और भारत को गृह युध मे झोंक दिया जाए , और इसके लिए चाहे कितना भी धन और हथियार लगे , अमेरिका लगाएगा , और भारत मे एक नई देशी आंतक की फसल तैयार की जाएगी , साथियो ये सब जो मैं लिख रहा हूँ मेरे एक सपने पे आधारित है
दोस्तो अब आपको सोचना है और फ़ैसला करना है की आपको क्या करना है ? मैं किसी भी राजनैतिक दल से कोई संबंध नही रखता , ना मैं किसी दबाव मे या , किसी के द्वेष मे ये सब लिख रहा हूँ , लेकिन कम से कम कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब आपको ही नही देश को भी चाहिए
धन्यवाद
जय हिंद
संकलन द्वारा कड़वा सच

No comments:

Post a Comment